वो स्कूल वाला 'टीनऐज' प्यार
वो स्कूल वाला 'टीनऐज' प्यार
वो स्कूल के दिन भी अजीब थे,
हम छोटे थे मगर मिजाज़ तब भी रंगीन थे।
वो FLAME से अपने connection status को पहचानना,
और लड़की के बैग में बेनामी लव लेटर छोड़ जाना।
वो दोस्त की पड़ोस वाली सुन्दर लड़की की झलक पाने के लिए,
बेवजह ही दोस्त के घर काम निकाल कर जाना।
वो हम लड़कों की अद्भुत समझदारी,
स्कूल की लडकियों को खुद आपस में बांट के कहना, ये मेरी वाली और ये तेरी वाली।
भाई लोगों की इसमे, आपस में बड़ी solid understanding हुआ करती थी,
एक की वाली, बाकी सब की लगती सिर्फ भाभी थी।
कभी-कभी कुर्बानी कौन देगा उसपर भी लड़ाई हो जाती थी,
और एक बार राखी बँध जाए तो previous feelings
चाहे कुछ भी हों, फिर भाई का फर्ज बड़ी शिद्दत से निभाते थे।
वो दोस्त को उस तक अपने प्यार का पैगाम दे के भेजना,
या तो लड़की की best friend से friendship कर उस तक पहुंचना।
उस समय ट्यूशन जाने का motivation पढ़ाई नहीं होता था,
ब्लकि ट्यूशन में उसके पीछे वाली सीट पर बैठना होता था।
उस one sided love की बात ही कुछ और थी,
सारे स्कूल को पता होता था बस वो लड़की ही अनजान रहती थी।
वो काले फोन पर उसका नंबर घुमा के blank calls देना,
और by chance उसकी मम्मी उठा ले तो डर के फोन काट देना।
स्कूल के बेंच पर उसका नाम कुरेदना,
कितना रोमांटिक होता था, वो दिल बना के लिखना A R. ♥️
और जो लड़की होती थी स्कूल में सबसे हॉट,
उसके लिए गुलाब का फूल लिए करते थे, "She loves me, she loves me not".
आज ये सब सोचो तो सचमुच बहुत हसीं आती है,
कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे।

