क्या दिया है इस, लड़कपन के प्यार ने ? क्या दिया है इस, लड़कपन के प्यार ने ?
कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे। कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे।
सोचती हूंँ कि क्या तुम्हें भी मेरी याद आती है? सोचती हूंँ कि क्या तुम्हें भी मेरी याद आती है?