STORYMIRROR

Dimple Agrawal

Children

3  

Dimple Agrawal

Children

ओहो मम्मी, आप भी ना!

ओहो मम्मी, आप भी ना!

1 min
284


ओहो मम्मी, आप भी ना! कितना टोकती रहती हो, नहा लूँगी अभी तो उठी हूँ।

ओहो मम्मी, आप भी ना! आजकल सब लड़कियां ऐसे ही कपड़े पहनती हैं,आपको फैशन के बारे में कुछ नहीं पता।

ओहो मम्मी, आप भी ना! मुझे अपना ख्याल रखना आता है, मुझे देर हो जाएगी, आप सो जाना।

ओहो मम्मी, आप भी ना! मैं आपके जैसे खाना बनाने के लिए नहीं बनी, जो़मेटो, स्वीगी हैं ना।

ओहो मम्मी, आप भी ना! कितनी बार कहा है कि मेरे दोस्तों से ज्यादा बातें मत किया करो।

बेचारी माँ बस सोचते ही रह जाती है,जिसे मैंने सब कुछ सिखाया आज वो कह रही है कि मुझे कुछ नहीं आता।

जिसे मैंने उंगली पकड़ चलना सिखाया वो ही आज मुझे कह रही कि मैं ज़माने से पीछे चल रही हूँ।

जब खुद माँ बनेगी तब समझेगी कि माँ की रोक-टोक और फिक्र में ही उसका प्यार छुपा होता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children