हम प्रकृति को क्या देते हैं
हम प्रकृति को क्या देते हैं
वृक्ष सभी को आश्रय देते हैं
बिना मतलब वो सेवा देते हैं
पक्षी भी काम जरूर देते हैं
हानि कम नफा अधिक देते हैं
पर हम इंसान प्रकृति को क्या देते हैं
मतलब के लिये हम पेड़ काट देते हैं
शौक के लिये पक्षियों को कैद कर लेते हैं
कुछ हमारे भाई तो मारकर खा भी लेते हैं
ऐसे ही जानवर हमारा भला ही करते हैं
हर प्रकार से वो हमारा फायदा ही देते हैं
एक हम इंसान है,
अपनी हरकतों से कर रहे परेशान है,
मतलब निकलते ही प्रकृत
ि को धोखा देते हैं
औऱ अहंकारवश ख़ुद को ही खुदा मान लेते हैं
वो ख़ुदा हम इंसान की नीच हरकते जानता है
वक्त-वक्त पर वो हमें अपना अहसास करा देते हैं
पोलियो,छोटी माता,प्लेग,कोरोना आदि रोगों से
समय-समय पर वो हमको उचित दंड देते हैं
इन महामारियों से भी हम न सुधरे, तो
वो हमें अकाल, सुनामी, बाढ़, भूकंप देते हैं
यदि हम सच्चाई के मार्ग पर चले,
हर जीव में उसका ही अंश देख ले
वो दिन दूर नहीं होगा साखी,
जब हमें भी सब देवता कहते हैं।