वरिष्ठ का तमगा
वरिष्ठ का तमगा
वरिष्ठ संज्ञा मिली मुझे
किया जब साठ को पार
किसने बनाया ये दस्तूर
शरीर चलता, हाथ, पैर
नाक मुँह में दाँत सलामत
क्यों फिर वरिष्ठ का तमगा
करता सब काम, सब कुछ
जीता जीवन शान से
घूमता फिरता,
मेहनत करता
शरीर चुस्त दुरुस्त होता
करता वो सब काम
जो पहले करता
साठ के बाद
ऐसा क्या होता
जो वरिष्ठ कहलाता
लोग कहते
वरिष्ठ को सम्मान
हर जगह प्रथम स्थान,
हर जगह आराम मिलता
आराम के लिए उसे
सेवा निवृत किया जाता
घर बैठा दिया जाता
बेशक़ आराम पाता
लेकिन घर जाकर भी
कौन आराम कर पाता
कोई ओर काम करता
नहीं करता तो
घर के लोग करवाते
ता जिंदगी भर कहाँ
आराम मिल पाता
लोग कहते आराम
हराम होता
तो फिर क्यों उसे
सेवा निवृत किया जाता
क्यों नहीं उसके अनुभव का
उसके ज्ञान का
जो वो पाता
उपयोग किया जाता
क्यों उसे वरिष्ठ नागरिक
बनने को मजबूर
किया जाता
क्यों उसे वरिष्ठ नागरिक
कहा जाता।
सभी वरिष्ठ जनों को समर्पित
अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ जन दिवस की बधाई