देश प्रेम
देश प्रेम
कर्म सर्वश्रेष्ठ कर्तव्य हमारे
देशप्रेम सर्वोत्तम,
मर मिटाना है राष्ट्र की सेवा में
राष्ट्र कर्तव्य उत्तम।
तभी तो होगा राष्ट्र सर्वश्रेष्ठ
राष्ट्र भक्ति हो उत्तम,
विकसित होंगे राष्ट्र की जनता
राजधर्म हो उत्तम।
तभी होगा विश्व गुरु यह राष्ट्र
राष्ट्रसेवा सर्वप्रथम,
स्वार्थ नहीं रहे कर्म पथ पर
अहिंसा पथ उत्तम।
सत्य कर्म ज्ञान पथ हो जीवन
प्रेम सेवा श्रद्धा रहे,
आत्मनिर्भर हो कर्म पथ पर
प्रभु भक्ति नित्य रहे।
हमें बढ़ना है सत्य पथ पर
आत्मविश्वास जगाना,
राष्ट्र भक्ति प्रेम मनुष्य कर्तव्य
राष्ट्र धर्म है निभाना।
सर्वश्रेष्ठ है राष्ट्र धर्म हमारी
करो जीवन अर्पित
जनसेवा होगी कर्तव्य हमारी
जीवन हो समर्पित।
मुक्ति पथ है देश प्रेम हमारी
रक्षा में मर मिटना,
होगी ही शक्तिशाली राष्ट्र हमारी
कुप्रथा हमें मिटना।
राष्ट्र गौरव में खुश होना हमें
राष्ट्र गान हमें गाना,
बहिष्कार करना विरोधियों को
राष्ट्र प्रेम है जगाना।
देश प्रेम हो जन जन कर्तव्य
जागरूक करना है,
रामराज्य होगी स्थापित देश में
देश प्रेम करना है।