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Sitaram Budhibaman Behera

Action Inspirational

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Sitaram Budhibaman Behera

Action Inspirational

"हम हिन्दुस्तानी "

"हम हिन्दुस्तानी "

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हमें यहाँ चंपा चमेली की

सुगंध चाहिए 

कहीं पर 

भी 

बारूद की दुर्गन्ध नहीं !

हमें हर 

हाल में 

यहां अमन चाहिए 

कहीं पर 

भी 

उजड़ते चमन नहीं !!


तेरे अंदर की 

इंसानियत 

मर 

सकती है 

पर, मेरी अंदर की 

जमीर नहीं !

तेरे हाथों में 

लाखों बेगुनाह 

मर 

सकते है 

मगर 

मेरे इन 

फौलादी 

हाथों से 

नहीं !!


मंदिर, 

मस्जिद, 

गिर्जा, 

गुरुद्वारा 

में 

इबादत 

की 

है 

मैंने 

तेरी तरह 

इन्हें 

श्मशान 

सोचा ही 

नहीं !

खून के  

इन 

घावों को 

रंग हिना 

कह 

सकता है 

तू 

मगर मैं 

इसे होली के 

रंग कहूंगा 

ही 

नहीं !!


इन 

सरहदों  

को 

एक 

दिन बाँट

लिया था 

तुमने  

मगर अब 

बंटवारे

के 

ख्वाब  

देखना ही नहीं !

कभी लकीर खींचा था 

इन 

जमीन पे 

एक 

दिन 

पर एक 

दाग़ लगाने का

साहस 

अब 

करना ही 

ही 

नहीं !!


सारी दुनिया 

जान चुकी है 

तुम्हारी असलियत अब 

धर्म के  

नाम से 

पिलाये  

दवा को 

जहर जान 

चुके है 

सब !

अब 

हमें तोड़ने 

के

सपने देखना 

बंद कर 

दो 

तुम 

क्यूं की, तुम्हारा 

पिलाया 

जहर का 

असर 

अब 

हम 

हिन्दुस्तानियों पे 

होगा 

ही 

नहीं !!


26 nov. 

यादों में 


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