STORYMIRROR

Sitaram Budhibaman Behera

Others

4  

Sitaram Budhibaman Behera

Others

"है मुरलीधर "

"है मुरलीधर "

1 min
286

मन मीत तुम्हारे

प्यार मे पागल

कैसे हुआ

यह ना जाना

तन मन तुमपर

अर्पण कर के

खुद को धन्य

ही माना !!


यह मन चंचल

आशा हिमालय

स्वाभाव है

भटकना

इस संसार मे

मृगजल संग

हर पल होबे

सामना

फिर भी मुरलीधर

इसारे इसारे पर

मोहजाल से

बचाना !!


आते जाते साँसो मे

हरपल 

मनमोहन बसे रहना

ऐसे मन को मोह लेना

आप ने

ना करूँ कोई भावना

प्रीतम अपनी

प्रीत मे डुबो के

हम से मुँह

ना मोड़ना !!


यह जो है मेरी

जीवन दीपक

तुम ही जलाये

रखना

अमा आंधीयारा

या घना कोहरा

साथ साथ प्रभो चलना

अंत समय 

फिर हिसाब कर के

यह प्राण ले जाना

छोटी सी अरज

सुनना !!


Rate this content
Log in