"है राम -एक भजन "
"है राम -एक भजन "
मेरे मन मे राम मेरे तन मे राम
आँखे बंद करूँ तो
मेरे सामने राम !
आकाश मे राम
अंतरिक्ष मे राम
जल मे राम स्थल मे राम,
तुम्हे छोड़ कर
अब जाऊं कहाँ
मेरे रोम रोम मे बस
राम ही राम !!
हर जीव मे तुम हो आत्मा
हर आत्मा की
तुम परमात्मा
तुम्हे ढूंढू मैं
क्यूँ कोई मंदिर मे
जब बसें हो जग की
कण कण मे,
जितने दूर मे तुम
उतने पास भी तुम
जहाँ नजर दौड़ाऊं
देखु तुम ही तुम !!
तुम ने माता बन कर
अमृत पिलाया
पिता के रूप मे
सर पर साया बना
हमराही बन कर
साथ साथ चले
मेरे गिरतेवक्त का
सहारा बना,
हर निर्वल के महाशक्ति हो तुम
सारे संसार के
भक्ति प्रीती हो तुम !!