अजगर सी बाहें हैं इनकी, और फौलादी सीने हैं अजगर सी बाहें हैं इनकी, और फौलादी सीने हैं
धरती माता चीख-चीख कर कई बार है चिल्लाई, धरती माता चीख-चीख कर कई बार है चिल्लाई,
उड़ते बादलों को हाथ में ले लेता है, वहाँ का हर शख्स कुदरत सा लगता है। उड़ते बादलों को हाथ में ले लेता है, वहाँ का हर शख्स कुदरत सा लगता है।
ये धरती आँचल है मेरा ये अंबर छाया है तेरा ताकत ये धरती आँचल है मेरा ये अंबर छाया है तेरा ताकत
इसकी सजा इसके मानसिकता और कर्मों पर हो मानव धर्म यही कहता है इसकी सजा इसके मानसिकता और कर्मों पर हो मानव धर्म यही कहता है
मैं उस माटी का फूल नहीं जिसे किस्मत ने सींचा है मैं उस माटी का फूल नहीं जिसे किस्मत ने सींचा है