हम चाह कर भी
हम चाह कर भी


हम चाह कर भी मिल न पाए
मिल न पाए, मिल न पाए तुम से
हाल-ए-दिल कभी, कह न पाए
कह न पाए, कह न पाए, तुम से।
बातें रोज़ होती है,
पर उस में कोई बात नहीं
घटा रोज़ छाती है,
पर होती रोज़ बरसात नहीं।
बातें कर के भी हम, कह न पाए
कह न पाए, कह न पाए तुम से
हाल-ए-दिल कभी, कह न पाए
कह न पाए, कह न पाए, तुम से।
मैंने माना कि दुरी है
क्या मुमकिन मुलाकात नहीं ?
यह
कैसी मजबूरी है ?
बुरे भी तो हालात नहीं।
मुलाक़ात कभी, कर न पाए
कर न पाए, कर न पाए तुम से
हाल-ए-दिल कभी, कह न पाए
कह न पाए, कह न पाए, तुम से।
मुझ से तुम मुँह फेरो
ऐसी भी तो कोई बात नहीं
लगता है तुम्हारे दिल में
मेरे लिए कोई जज़्बात नहीं।
जज़बातों को बयाँ हम कर न पाए
कर न पाए, कर न पाए तुम से
हाल-ए-दिल कभी, कह न पाए
कह न पाए, कह न पाए, तुम से।