STORYMIRROR

राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Inspirational

4  

राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Inspirational

हम भविष्य के निर्माता हैं

हम भविष्य के निर्माता हैं

1 min
463


एक कलम के बल बूते पर, दुनिया रोज बदलते हैं ।

ये मत सोंचो कवि हैं हम तो, बस कविता कर सकते हैं ।।


सपनों की मदिरा के मद में, हमने चलना सीखा है ।

ले सूरज को साथ गगन के, पार निकलना सीखा है ।

सागर को भी भर अँजुरी में, पीने का दम रखते हैं....

ये मत सोचो.......।।


ओज, करुण, शृंगार समेटे, पंक्ति- पंक्ति जब चलती है ।

शब्द शब्द की चमक देखकर, आँख चाँदनी मलती है ।

भावप्रवणता निरख हमारी चाँद सितारे जलते हैं..।

ये मत सोचो.....।।


नित्य इरादों की रेतीली, मिट्टी को चुनते हैं हम।

नई कहानी आशाओं की, मन ही मन बुनते हैं हम।

हम भविष्य के निर्माता हैं, कल की खेती करते हैं......

ये मत सोंचो........।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational