हिन्दुस्तान
हिन्दुस्तान
खतरे में पडी जब आजादी माँऔ ने हँस के बेटे दीये देश को
उनकी आँखों से आंसू नहीं बहते
इसी लिए हर देश को हिन्दूस्तान नहीं कहते..........।
चूम के फंदा फाँसी पे झूले शहादत जिनकी धरा ना भूले
वो आजाद, भगत सिंह हर जगह नहीं रहते
इसी लिए हर देश को हिन्दूस्तान नहीं कहते..........।
अभी चढ़ी उस पर जवानी थी, अपनी झांसी की वो रानी थी
कहीं गले लगा एकलौते चराग को बगावत की हुंकार नहीं भरते
इसी लिए हर देश को हिन्दूस्तान नहीं कहते..........।
हाथो मै थाम तिरंगा गोलियों की बोछारौ मै
भारत मा की जय कह चड जाये कारगिल जेसे पहाड़ों मै
विक्रम वत्रा जेसे शेर यू ही वन आग नहीं वरसते
इसी लिए हर देश को हिन्दूस्तान नहीं कहते..........।
आज भी दूसरे मुल्खो मै लोग बात ये फिरते हैं कहते
दुबले – पतले लाठी के सहारे चलने बाले
गांधी बन सत्य- अहिंसा की आन्धी नहीं बहते
इसी लिए हर देश को हिन्दूस्तान नहीं कहते..........।
