वो कौन हैं
वो कौन हैं

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टुकड़े हैं बिखरे और वो मौन हैं,
इस टूटे हुए दिल के मालिक वो कौन हैं...
समंदर और हवा का आना जाना रोज़ रेत पर
ढूँढते पैरो के निशान पागल वो कौन हैं...
मिल जाये जिसमे आसमा को ज़मी
झूठे इश्क के किस्से सुनाते वो कौन हैं...
रात का अंधेरा दिन की रौशनी
यादों के दिए मैं दिल जलाते वो कौन हैं...
Aj शायरी तो है नहीं ये ज़ख्म हैं
तेरे ज़ख्मों पे हँसते बेदिल वो कौन हैं...
ज़ाहिद माँगते भी हैं नहीं
कुछ है भी नहीं
मंदिर की चौखट पर काफ़िर वो कौन हैं...