हिंदी से हिंदुस्तान है
हिंदी से हिंदुस्तान है
हिन्द देश में संस्कृति की बेहद अनूठी खान है
कोई खाए इडली डोसा, ढोकला किसी की शान है
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबका अपना मान है
अलग-अलग है वेशभूषा, अलग सबका गान है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है
कृषि क्षेत्र में भारत देश सदा ही प्रधान है
पैदावार होती खूब चाहे गेहूं, दाल या धान है
यहां नदी , वनस्पति में भी बसती जान है
हर सुबह आम के पेड़ पर कुहू-कुहू की तान है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है
मेहमानों को हमारे देश में मानते भगवान हैं
चाहे अतिथि दीन-दुखी हो या फिर बलवान है
पूजा-पाठ का नित्य कर्म करे जो वो सब विद्वान हैं
श्रेष्ठ वो व्यक्ति और समाज जो देता विद्यादान है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है
ऋषि मुनियों का ये पावन स्थान है
जप-तप की भूमि और ईश्वर का ध्यान है
रामायण और रामचरितमानस हमारे समाज का प्राण है
सभी मज़हब और धार्मिक स्थल का अपना ईमान है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है
विज्ञान ,प्रौद्योगिकी, बाज़ार , शिक्षा की ऊंची उड़ान है
समस्या का यदि खोजो तुम तो मिलता यहां समाधान है
संस्कारों, यज्ञ, रीति-रिवाजों की भी अपनी अद्भुत शान है
भारत मां की सज्जा में हिंदी सुंदरता का स्वर्णिम बखान है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है।
एकता का प्रतीक, हमारा देश बड़ा महान है
सुधैव कुटुंबकम् में, भारत एक प्रमाण है
यहां की विरासत अतुल्य, माने ये जहान है
वीरभूमि और देवभूमि ये, करती जनकल्याण है
इतनी विविधताओं में भी, हम कहते हिन्दी से हिंदुस्तान है।