हिन्दी गजल- हमी से छुपाता रहा
हिन्दी गजल- हमी से छुपाता रहा
डाल मेरे जख्मो नमक वो मुस्कुराता रहा ।
मेरी आह परवाह नहीं वो खिलखिलाता रहा ।
मिले हर खुशी उनको थी चाहत मेरी ।
देख मेरी तड़प वो गुनगुनाता रहा ।
था इकरार या इंकार कुछ कहा ही नहीं ।
दिल समंदर ज्वार प्यार वो उठाता रहा ।
पकड़ हाथ मेरा लड़ लिया तूफानो से
बन हमसफर मंजिल मुझे भटकाता रहा ।
कबूल कर देखो इश्क नजारे बदल जाएंगे ।
ठुकरा मोहब्बत मेरी मुझे तड़पाता रहा ।
लूटा दूंगा दिल की दौलत तुम्हारे लिए ।
हसरतों के दिये फूंक मार बुझाता रहा ।
मेरा हर हुश्नों शबाब तुम्हारे लिए है ।
थाम गैर दामन मुझे वो भरमाता रहा ।
हशीन होगा सफर साथ चलकर तो देखो ।
दोस्त बनकर सरे राह कांटे बिछाता रहा ।
कर दूंगा रौशन दुनिया तेरी में जुगनू सही ।
तोड़कर दिल आंसू से छुपाता रहा।