हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
हिचकिचाहट कैसी, बोखलाहट कैसी ?
भाषा हूँ मुक्त अभिव्यक्ति की
भाषा बिना तुम मूक व्यक्ति
जन जन को जोड़ती, मन मन को पढ़ती
हृदय का भाव बोलती, स्नेह का गाँठ खोलती
उत्साह का द्वार खटखटाती, रूप रंग में ढलती
हाँ मैं भारत की अनमोल धरोहर हूँ !
हिन्दी भाषा मेरा अस्तित्व है ।
