हिम्मत
हिम्मत
मेरी रातों की जाने कब होगी भोर
तन्हाई के कतरे फैले चारों ओर
अपने बल पर जीने की आदत डालो
मतलब के है दोस्तों ज़माना बड़ा कठोर
इस दिल के टुकड़े गुमनामी में क़ैद है
होठ ख़ामोश रहते मगर दिल में है बहुत शोर
पिंजरा तोड़कर पंछी को उड़ना होगा
हिम्मत से ही आयेगा उल्फ़त का दौर
घोर अंधेरा चीर कर सूरज निकलेगा
हाथ चलाओ पंख फैलाओ पास में ही है छोर।