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Sunita Upadhyay

Inspirational

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Sunita Upadhyay

Inspirational

हे ! नारी तुझे प्रणाम

हे ! नारी तुझे प्रणाम

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हे ! नारी तेरी शक्ति महान है

तू ही दुर्गा, तू ही सीता तू ममता की खान है

तुझसे ही तो ये जीवन जहान है 

हे ! नारी तुझे कोटि-कोटि प्रणाम है।

तुम हो इस सृष्टि की वह धुरी, जिसके बिना हर रचना है अधूरी

माँ की ममता हो तुम, बहन का प्यार हो तुम 

बेटी बनकर शान हो तुम, पत्नी का त्याग हो तुम

हर रिश्तों की मजबूत डोर हो तुम

आज हर रिश्तों में श्रेष्ठ हो तुम

आसान नहीं था सफर, मुश्किल थी राह तुम्हारी

लेकिन घूँघट से निकलकर ,आज ऊँची उड़ान है तुम्हारी

नारी न होती तो रामायण और गीता की रचना न होती,

अगर कोख में ही दमन कर दी जाती तो

फिर किसी कल्पना की ऊंची उड़ान न होती

नारी तुम हौसलों की उड़ान हो ,

तुम्हारे कदमों में जमी और आसमान है, 

हे ! नारी तुम्हें कोटि कोटि प्रणाम है।  


             


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