परिवार
परिवार
माँ परिवार की धुरी और पिता परिवार का मुखिया
बहन के साथ झगड़े और शरारत करे भैया
इन सभी के प्यार से चलती परिवार की नैय्या
माँ न होती तो न होती बहन और न ही भैय्या
सच कहूँ तो परिवार है जीवन की पहली पाठशाला
यहीं मिलते सारे सुख, क्यों जाते हो मधुशाला
पाश्चात्य सभ्यता की चकाचौंध में हमारी सोच बदल गयी
स्नेह और प्यार से बंधी रिश्तों की डोर टूट गयी
बचपन बीता फिर न जाने कब बड़े हो गए
एक ही छत के नीचे ही एक दूसरे से अनजान हो गए
देखते ही देखते न जाने कब वर्ष 2020 में पहुँच गए
हमें लगा हम तो चाँद पर पहुँच गए और शहंशाह बन गए
फिर आया एक वायरस जिसके सामने हम बौने हो गए
कोरोना का कहर दुनिया में ऐसा छाया
देश-विदेश में सभी को अपना परिवार याद आया
संकट की इस घड़ी में जिसने परिवार को अपनाया
सच कहूँ दोस्तों उसने ही अपना जीवन ने बचाया
कोरोना ने एक बार फिर परिवार का महत्व समझाया
परिवार को जिसने भी अपनाया उसने अपना बचाया
आओ परिवार रूपी मंदिर में स्नेह की जोत जलाए
परिवार की महिमा को सारे जग को बताए
