जब भी कलम चलती हैं, तकदीर भी बदलती हैं ।
इसलिए इस पर शोक नही करना चाहिए यही मानव जीवन को सच्चाई है। इसलिए इस पर शोक नही करना चाहिए यही मानव जीवन को सच्चाई है।