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Sunita Upadhyay

Inspirational

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Sunita Upadhyay

Inspirational

आओ संकल्प करे

आओ संकल्प करे

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हमको विदित थे तत्व सारे नाश और विनाश के

कोई रहस्य छिपे न थे धरती और आकाश के

पानी हुआ क्या आज हमारी नाड़ियों का रक्त है

हाय ! आज मानव जाति कैसी अंध और असक्त है

प्रकृति ने किए मानव पर अनगिनत उपकार

लेकिन मानव ने किये प्रकृति पर अत्याचार

जीवन में हमारे रहे खुशहाली

इसके लिए हमने खत्म कर दी पेड़ों की हरियाली

जिसने हमारे जीवन में प्राण वायु का संचार किया

उस प्रकृति के साथ हमने ही विश्वासघात किया

प्रकृति ने हमें अपार संसाधनों से परिपूर्ण किया

किन्तु मोह माया के जाल में हमने उसका दुरुपयोग किया


कर दिया मनुष्य ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़

काट दिया जंगल को, किया जानवरों के साथ खिलवाड़

चलानी थी सपाट सड़कों पर हमें अपनी कार

इसके लिए हमने किये पेड़ों पर प्रहार

हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे अभी

आओ विचारे मिलकर ये समस्याएं सभी

पर्यावरण को बचाना है, ये संकल्प जरूरी है अभी

प्रकृति के साथ अनाचार के जिम्मेदार है हम सभी

हरी-भरी रहे वसुंधरा हमारी,

जो सदियों से है धरोहर हमारी

पेड़, पत्ते, फूलों की बहार

जिससे करती हमारी धरती अपना श्रृंगार

पक्षियों का आशियाना, पशुओं का ठिकाना

आज हमारा फ़र्ज़ है इन्हें बचाना

अब न देर करो, आओ संकल्प करो

धरती पर हरियाली लाना है, पर्यावरण को बचाना है।


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