रंग बरसे
रंग बरसे
आखिर आ ही गया होली का त्यौहार,
जिसका हमे था बेसब्री से इंतज़ार,
होली में होती है रंगों की बरसात,
जो लाती है ठहरे हुए रिश्तों में मीठी शुरुआत
कितने दिनों से ये नैना थे तरसे,
कब होली पर सात रंग बरसे
आज मन करता है डूब जाऊँ इन रंगों में,
और ढूंढ़ लूँ अपनी खुशियाँ इन रंगों में
आज दूर कर लो हर तकरार,
कोशिश करो हर रिश्ता रहे बरकरार
होली न होती तो ये रंगों से भरी दुनिया न होती
फिर सुने जीवन मे कोई खुशियाँ न होती
इस बार खेलो ऐसी होली,
जिससे धरती में हो खुशहाली
प्रेम और स्नेह का सभी पर ऐसा रंग डालो,
भर जाय सबकी खाली झोली
होली आई, होली आई संग अपने खुशियाँ लाई
प्यार का रंग बरसे इस धरा पर,
ऐसा संदेश साथ लाई
जीवन मे हर पल,
हर क्षण हो खुशियों की बरसात
इंद्रधनुषी रंगों के साथ करो होली की शुरुआत
करती है सुनीता आपसे विनती बार-बार,
इस बार गुलाल से मनाओ होली का त्यौहार
सबके चेहरों पर गुलाल लगाओ,
साथियों इस बार सुखी होली मनाओ
स्टोरी मिरर मंच का अनोखा है ये उपक्रम
सभी साथियों ने है चलायी अपनी कलम
इसी तरह से हमे साथ बढ़ाना है कदम औऱ दिखाना है
सबको हम नहीं है किसी से कम
होली के इस पावन पर्व पर सभी को मेरा सादर नमन।
