चन्द्रयान 2
चन्द्रयान 2
चंद्रयान 2 यानी चाँद पर सवारी,
जिसके लिए की थी सारे विश्व ने तैयारी
बस हम करने ही वाले थे चाँद पर सवारी,
जिस पर टिकी थी नजरे सारी
विक्रम लैंडर का संपर्क टूटा,
और फिर जैसे चाँद भी हमसे रूठा
हौसलों की उड़ान थी जारी किन्तु चाँद से
कुछ ही दूरी पर, विक्रम लैंडर लड़खड़ाया
इसरो में तो जैसे सन्नाटा सा छाया,
पूरे देश में उदासी का बादल मंडराया
तब पी.एम मोदीजी ने आगे कदम बढ़ाया,
रोते हुए सिवन को गले से लगाया
और बच्चों की तरह समझाया
यह हमारी हार नहीं यहीं से हमारी जीत है
सच ही तो है डरते तो वो है,
जिनके सपनों में जान नहीं होती
जिनके हौसलों की ऊँची उड़ान नहीं होती,
उन्हीं के होठों पर मुस्कान नहीं होती
मित्रों हमारी इच्छाएं तो पंख लगाकर उड़ेगी
हौसला बुलंद है, मंजिल अवश्य मिलेगी
दुःख है मंजिल न पाने का,
मगर मजबूत इरादा है प्रयास दोहराने का
इतिहास गवाह है, सफलता पाने वाले भी हुए है असफल
हम भी होंगे सफल, आज नहीं तो कल
रुके है थोड़ी देर लेने को विश्राम,
फिर से उठने का हर प्रयास है जारी
जब इरादे हो नेक तो डरना है बेकार,
ऐसी ही सोच लेकर जीत को है हम तैयार
इसरो और सिवन की मेहनत,
लगन से चाँद पर तिरंगा लहरायेंगे
हम साथ थे और साथ रहेंगे,
अपने संकल्प से अब न पीछे हटेंगे
हिम्मत और हौसले की जंग रहेगी जारी,
चाँद पर पहुँचने की अब पूरी है तैयारी
जिद पर आ जाये तो भारत मंगल पर पहुँच जाता है
ऐ चाँद अब तुम दूर नहीं अब तुम्हारी है बारी
कलामजी ने क्या खूब कहा है,
सपने वो नहीं होते जो हम नींद में देखते है,
सपने तो वो होते है, जो हमें चैन से सोने नहीं देते
किसान के बेटे सिवान ने हमारे सपनों को उड़ान दी
रितु कारिधाल और चन्द्रकांत ने देश को नई पहचान दी
बहुत जल्द ही हम करेंगे फिर से सवारी,
जिसके लिए है सवा सौ करोड़ भारतीयों की तैयारी
जो सफ़र की शुरुआत करते है,
वे ही तो मंजिल को पार करते है
क्योंकि संपर्क टूटा है, संकल्प नहीं
जयहिंद जयभारत