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aazam nayyar

Abstract Fantasy

3  

aazam nayyar

Abstract Fantasy

हबीब है देखिए

हबीब है देखिए

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वो मेरा रक़ीब है देखिए 

कब हुआ हबीब है देखिए


जो करे इलाज़ मेरे ग़म का 

वो कहां तबीब है देखिए 


जीस्त की मिली नहीं आरजू 

कब अच्छा नसीब है देखिए 


बाहर घूम वो रहे सब क़ातिल

कब हुए सलीब है देखिए


इसलिए नहीं दिल लग रहा है 

मौसम कुछ अजीब है देखिए


जुल्म मत करो मगर यूं इस पे 

वो साहब ग़रीब है देखिए 


हाले दिल किसे कहूँ मैं आज़म 

कौन जो करीब है देखिए 



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