हौसला
हौसला
कैद कब तक रह पायेगी,
बारिश बादल में
इक दिन बरस जायेगी !
ताप कब तक सह पायेगी
मोमबती लौ का
इक दिन पिघल जायेगी !!
चाहो तो बांध लो,
बेडियां रिवाज की !
चाहो तो देते रहो,
दुहाईयाँ समाज की !!
चाह चिड़िया है नीलगगन की,
स्वर्ण पिंजर से
इक दिन उड़ जाएगी !!!
दुनिया है जीती उसी ने,
खुद पर जिसे विश्वास था !
मंजिलें पाई उसी ने,
हौसलों पे जो सवार था !!
तमन्ना कली है मन की,
जीवन बगिया में
इक दिन खिल जाएगी !!!
डगमगाएं पांव तो
खुद को संभाल लो !
मुश्किलें लाख मिलें,
बस मंजिल का ख्याल हो !!
सफलता धार है सागर की,
किनारों से
इक दिन टकराएगी !!!
