हांक ले गया भीड़ को
हांक ले गया भीड़ को
एक-एक कर दो मिले फिर आए दो और
नौ दो ग्यारह हो गए भागे मिला न ठौर।
एक एक ग्यारह हुए निश्चित कर निज ठौर
बाकी नौ पिछड़े रहे ये इनके सिरमौर
एक एकता भीड़ की सारे एक अनेक
हांक ले गया भीड़ को आगे पीछे एक
रही भीड़ की एकता भारी, पर, भयभीत
एक एक दो एक हो गए भीड़ पर जीत।
एक एक होकर रहा प्रमुख मिली पहचान
सबके पहले ही रहा सबके बीच समान।
