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sargam Bhatt

Romance Classics Inspirational

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sargam Bhatt

Romance Classics Inspirational

हाले दिल

हाले दिल

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भूख से बेहाल हूं,

बता नहीं सकती।

खाना सामने रखा है,

पर मैं खा नहीं सकती।

बेदर्द जमाने को क्या पता,

मेरे दिल में दर्द है कितना।


इस बेदर्द दुनिया को,

अपना दुख सुना नहीं सकती।

हमें दिल से चाहने वाले,

इश्की तादाद हजारों में है।


मेरा अलग सपना है,

मेरा ख्वाब बहारों में है।

अपना हाल बता कर,

किसको बेहाल करूं मैं।


शायद किसी को पता नहीं,

सरगम उनके सहारों में है।


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