हालात बदलना पड़ता है
हालात बदलना पड़ता है
हालात कभी बदलते नहीं हालात बदलना पड़ता है
गर मंज़िल की जुस्तजू हो तो फिर चलना पड़ता है
आबले पाँव में आँखों में आँसू और दिल में दर्द लिए
हर रोज़ आदमी को अपने घर से निकलना पड़ता है
जिस दर्द की गली से गुजरने में हम परहेज़ करते हैं
जाम लगने पर अक्सर उस गली से गुज़रना पड़ता है
आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन होता है उसका दिल
दिल को मनाने के लिए जाने क्या-क्या करना पड़ता है
ये सच है किसी के चले जाने से दुनियाँ ख़त्म नहीं होती
बस उस शख्स की याद में रोज़ जीना मरना पड़ता है।