नरगिस
नरगिस


आ गया सैलाब आँखों के काले काले बादलों से
रुख़सारो की नरगिस गुलाबी वह साथ बहा ले गया
जिस्म बन गया दल -दल , नजरो में छायी खामोशी
धनक और अँधेरे को छोड़कर उजाला वह साथ ले गया
समझाता है वह गर्म सलाखों के दाग देकर
हवाओ की थपेड़े का ताजा जख्म वह साथ ले गया
अश्कों में डुबोकर बेवफा आँखों की चाहत
बदल गए ख़ुदा वक्त के मानिंद वह इबादत साथ ले गया
तालीम देता है वह सख्त लहजे में शामिल
कशमकश में 'नालन्दा' दिलमें बसा वह आशियाना साथ ले गया।