STORYMIRROR

हाल-ए-दिल

हाल-ए-दिल

1 min
154



न चैन है ना करार है, 

नींद आँखों से फ़रार है 


उन से मिलने के लिए, 

दिल ये बेक़रार है 

लबों पर इनकार है, 

आँखों में इकरार है 


कैसी बेखूदी है ये, 

कैसा ये खूमार है 

जाग उठी इस दिल में, 

चाहत भी बेशुमार है 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance