Sanjay Pathade Shesh
Drama
जिसे मिली ना
पीहर ससुराल में
कभी आजादी
नानी
हिम नदी सी
एक लंबी कहानी
सबकी नानी।
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
शब्द उड़ेंगे भाव बहेंगे हम उसके वो होगी मेरी..! शब्द उड़ेंगे भाव बहेंगे हम उसके वो होगी मेरी..!
न कोई और हो पाया कभी भी उम्र भर अपना। न कोई और हो पाया कभी भी उम्र भर अपना।
समंदर ने बहते हुए, आसमान ने रोते हुए मुझे तुम्हारा पता दिया, उसी रोज़ हाँ उसी रोज़। समंदर ने बहते हुए, आसमान ने रोते हुए मुझे तुम्हारा पता दिया, उसी रोज़ हाँ उसी ...
एक दोस्त की कमी मगर हमें अब भी खलती रहती है। एक दोस्त की कमी मगर हमें अब भी खलती रहती है।
जिस्म ही अलग है तुम्हारा उस से उसकी रूह को अपना बना लेना। जिस्म ही अलग है तुम्हारा उस से उसकी रूह को अपना बना लेना।
ना उन ख़्वाबों का ख़्वाब है ना उन पलों को पालने का वक़्त है। ना उन ख़्वाबों का ख़्वाब है ना उन पलों को पालने का वक़्त है।
एक अच्छा दोस्त एक दवाई जैसा होता है, वही रूठ जाए तो क्या किया जाए। एक अच्छा दोस्त एक दवाई जैसा होता है, वही रूठ जाए तो क्या किया जाए।
मैं लगाऊं मुहब्बत का अबीर तुझ पर मैं देखूँ अपनी तकदीर तुझ पर मैं लगाऊं मुहब्बत का अबीर तुझ पर मैं देखूँ अपनी तकदीर तुझ पर
बधाई हो रंग बिरंगी होली का त्योहार खुशहाल रहे इस देश का हर परिवार। बधाई हो रंग बिरंगी होली का त्योहार खुशहाल रहे इस देश का हर परिवार।
मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ ! मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ !
खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार। खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार।
हम भीगे मन के साथ सिर्फ तेरा नाम ही लिख सके। हम भीगे मन के साथ सिर्फ तेरा नाम ही लिख सके।
किसी आम व्यक्ति का ज़िक्र नहीं, अपने पिता की बातें करता हूँ। किसी आम व्यक्ति का ज़िक्र नहीं, अपने पिता की बातें करता हूँ।
दिल चाहता नहीं पर करनी विदाई है। दिल चाहता नहीं पर करनी विदाई है।
इंद्रधनुष की छवि आज दिखने लगी मुझे अपनों के साथ। इंद्रधनुष की छवि आज दिखने लगी मुझे अपनों के साथ।
हमने भी फिर मौत को बहलाना सीख लिया। हमने भी फिर मौत को बहलाना सीख लिया।
दिल इतना नादान क्यों कुछ तो बात है। दिल इतना नादान क्यों कुछ तो बात है।
मैं परेशान हो गया हूँ तुझसे झूठे लगाव से, मजहब तू खा गया इंसानियत बड़े चाव से। मैं परेशान हो गया हूँ तुझसे झूठे लगाव से, मजहब तू खा गया इंसानियत बड़े च...
क्या कहूँ कैसी है माँ ममता की मूरत है माँ। क्या कहूँ कैसी है माँ ममता की मूरत है माँ।
पर एक बार हाले दिल इज़हार करना। पर एक बार हाले दिल इज़हार करना।