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आश्वासन

आश्वासन

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चुनाव क्षेत्र में लौटकर

एक नेता बोला -

कोई शाम को,

घर लौट आए

तो उसे हम,

नहीं कहते सुबह का भूला


जनता को समझते देर न लगी

कि ये है भगत बगुला


सब बोले - माफ करें हमें

हम एक बार भूल चुके

तुम्हारे "वादे का झूला"।


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