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LALIT MOHAN DASH

Abstract Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Inspirational

गया दिसंबर आई जानवरी

गया दिसंबर आई जानवरी

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गया दिसंबर आई जनवरी,

शीत लहर की मार पड़ रही,

हिम्मत सारी जवाब दे गई,

ठंड के मारे हालत बिगड़ गई।


विदा एक को ठंड में करना 

दूजे का स्वागत भी करना,

हिम्मत कर के अब है उठना,

हर्ष उल्लास से स्वागत करना।


जाने वाले से है, कहना,

मीठी यादों संग है रहना,

कुछ  खट्टे अनुभव है,

उन्हें संभाल कर है रखना।


एक वर्ष हम साथ रहे है,

खुशी और गम साथ जीए है,

माना कि तू विदा हो रहा,

पर यादों को यही छोड़ रहा,

उन यादों का संग रहेगा,

मन में तू तो सदा रहेगा।


हां! आने वाले से तू कहना,

सब को बस खुशियां ही देना,

दर्द सभी के संग ले जाना,

सुखी सब रहे ये कह जाना।


जीवन का क्रम यूँ ही चलता,

वर्ष के साथ सब है बदलता,

एक समय ऐसा फिर आता,

जीवन भी अलविदा कह जाता।


जब तक है, हम खुशी मनाए,

नाचे झूमे और हम गाए,

नए के स्वागत में जुट जाए,

सर्दी को हम दूर भगाए,

जाने वाले को भी देखे,

हाथ हिला अलविदा कह दे।



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