ख़ामोशी
ख़ामोशी
ख़ामोशी लड़ना नहीं चाहती,
कमबख्त किसी की यादें शोर मचा रही हैं
जैसे किरदार में कोई उदास बैठा हो,
अपनी कहानी को लिख लिख कर मिटा बैठा हो,
खामोशी कहे भी तो क्या,
कहने को कोई खामोशी कर बैठा हो,
जैसे कुछ अधूरा कर रहा कोई दर्द ख़ुद को।
ख़ामोशी लड़ना नहीं चाहती,
कमबख्त किसी की यादें शोर मचा रही हैं
जैसे किरदार में कोई उदास बैठा हो,
अपनी कहानी को लिख लिख कर मिटा बैठा हो,
खामोशी कहे भी तो क्या,
कहने को कोई खामोशी कर बैठा हो,
जैसे कुछ अधूरा कर रहा कोई दर्द ख़ुद को।