आंधी आती है
आंधी आती है
उम्मीदों का सैलाब लेकर
वादों का पिटारा खोले
पढ़े-लिखों के सपनों में
तैरती है
सरकारी नौकरियां!
हवाएँ बहती जाती है
उड़ा ले जाती है
सारे सपने ,
सारी उम्मीदें!
उन्हीं हवाओं में,
हवा हो जाते है
सारे वादे कि
पांच साल बाद
फिर आंधी आती है "सागर"।
