हवा का झोंका हवा का झोंका
क्यूँ रिश्तों को उड़ा के ले जाते है क्यूँ हमसे वह दूर-दूर जाते है, क्यूँ रिश्तों को उड़ा के ले जाते है क्यूँ हमसे वह दूर-दूर जाते है,
कल अकेला था सफर में, कुछ मुसाफ़िर जुड़ गए थे । कल अकेला था सफर में, कुछ मुसाफ़िर जुड़ गए थे ।