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vinod mohabe

Others

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vinod mohabe

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क्यूँ अकेला छोड़ जाते है

क्यूँ अकेला छोड़ जाते है

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क्यूँ यादों को उड़ा के ले जाते है

क्यूँ हमें बार-बार रुलाते है

कभी हमें भी अपने साथ ले जाते,

क्यूँ हमें अकेला छोड़ जाते है ।।


क्यूँ बादल को हवा ले जाते है

क्यूँ हमें बार-बार सोचने पर मजबूर करते है,

कभी हमारे आंसू को साथ ले जाते

क्यूँ हमें आंसू कि गंगा में छोड़ जाते है।।


क्यूँ रिश्तों को उड़ा के ले जाते है

क्यूँ हमसे वह दूर-दूर जाते है,

कभी हमें भी अपने जुल्फों में ले जाते,

क्यूँ हमें अकेला छोड़ जाते है ।।


क्यूँ रोशनी को अंधेरा ले जाता है,

क्यूँ हमसे जिंदगी रूठ जाती है,

कभी तो हमें भी अपने साथ ले जाते

क्यूँ हमें अकेला छोड़ जाते है ।।


क्यूँ रोशनी तारों को छुपा देती है,

क्यूँ हमसे मौत दूर भागती है,

कभी तो हमें भी मौत अपने साथ ले जाती

क्यूँ इस बेवफा दुनिया में हमें अकेला छोड़ जाती है ।।


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