गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
आओ हम सब मिलकर गुरु की
महिमा का गुणगान करें
जीवन में हमारे अज्ञान मिटाकर
दिव्य ज्ञान का प्रकाश भरें।।
गुरु मन के सारे तिमिर मिटाते,
सूर्य बनकर सदा राह दिखाते।
गुरु हमारे मन के उपवन में,
खुशियों के सुंदर फूल खिलाते।।
गुरु वचन है अनमोल मोती,
हर संकट से हमें बचाते।
जीवन हो जाता उनका जगमग,
जो गुरु चरणों में ध्यान लगाते।।
घनघोर अंधेरा हो कितना भी,
गुरु आशा के दीप जलाते।
उच्च आदर्शों का पाठ पढ़ा कर,
हमारा व्यक्तित्व महान बनाते ।।
कोरा कागज जीवन हमारा,
गुरु उसमें सुंदर रंग भरते हैं।
गुरु का स्थान है सबसे ऊपर,
हम उनको शत शत नमन करते हैं।।
