विश्वास की डोर
विश्वास की डोर
चिंता, दुख, तकलीफें और परेशानियां जिंदगी के अंग हैं,
जब तक हमारा जीवन है हमें लड़ना पड़ता इनके संग है,
इन परिस्थितियों से लड़ना ही हमारे लिए पर्याप्त नहीं है,
जानना पड़ता खुद को समझना क्या गलत क्या सही है,
अपनी अंदरुनी कमजोरी जान विश्वास जगाना पड़ता है,
किस कारण यह परिस्थितियां आईं यह जानना पड़ता है,
विश्वास की डोर जिस दिन पूर्ण मजबूती से थामी जाती है,
समझो उसी दिन हमारे अंदर अद्भुत शक्ति जागृत होती है,
केवल अपने भीतर विश्वास जगाना ही काफी नहीं होता है,
इस विश्वास की डोर को जीवनभर थामें भी रहना पड़ता है,
स्वयं पर दृढ विश्वास ही हमें सफलता की ओर ले जाती है,
अंधेरों में भी उजाले की छोटी से छोटी किरण दिखाती है,
कभी-कभी परिस्थितियों के कारण विश्वास डगमगाता है,
आईने में खुद का चेहरा कभी-कभी गलत नजर आता है,
आत्ममंथन कर देखना किंतु आईने पर भरोसा ना करना,
स्वयं के अंदर विश्वास का दीपक तुम हमेशा जलाए रखना।