नारी शक्ति
नारी शक्ति
सारी सृष्टि जिसमें समाई
ईश्वर का उपहार है नारी
प्रेम, वात्सल्य की प्यारी मूरत
ममता त्याग से भरी है नारी।।
कभी दुर्गा तो कभी काली
असीम शक्ति का नाम है नारी
जीवन को धरती पर लाती
जननी का रूप है नारी।।
कभी फूलों सी कोमल तो
कभी दुष्टों का काल है नारी।
धरती से लेकर अंतरिक्ष तक
इतिहास रचने वाली है नारी।।
घर आँगन में जो खुशियाँ भर दे
अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी है नारी
पर्वतों को भी लांघ जाए वो
असीम शक्ति का स्वरूप है नारी।।
सबकी खुशियाँ में खुश हो जाए
त्याग की मूरत है नारी
शिव शक्ति जो कहलाती
सर्व गुण संपन्न है नारी।।
नारी के स्वरूप को पहचाने
उसका करें सभी सम्मान
नारी के है रूप अनेकों
उसकी अपनी है पहचान।।