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Shubhra Varshney

Inspirational

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Shubhra Varshney

Inspirational

प्रकृति

प्रकृति

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प्रकृति से ही शक्ति प्रकृति बनाए सिद्धांत,

इसमें निर्दिष्ट निर्लिप्त है जीवन का हर विधान।

प्रकृति ही सत्य प्रकृति ही है सम्यक्,

प्रकृति में लिप्त है सभी जीवंत कथानक।

प्रकृति में ही है समाविष्ट सभ्यताएं,

भाव की महिमा है छुपी दर्शन की गरिमाऐं।

प्रकृति में जीवन विज्ञान प्रकृति कराए जिज्ञासा,

यथार्थ बोध कराती नवजीवन की हर आशा।

प्रकृति बोध कराए प्राशचित और पश्चाताप,

इसमे है चंद्र सा शीत और है सूर्य सा ताप।

प्रकृति बनाए सृष्टि कर जीवन का आविष्कार

प्रकृति से ही अदम्य अपराजित का भी है संघार।

प्रकृति बनाती है कृति यही गढती है आकृति,

इसके ही तो है आधीन रहती है पूरी संस्कृति।

प्रकृति से ही मुक्ति यही जीवन की अभिव्यक्ति,

प्रकृति परक ज्ञान से मिलती है दिव्यदृष्टि।

प्रकृति बनती है कभी सरल कभी है यही विरल,

अनायास अकारण बन जाती है यही कभी गरल।

प्रकृति ही शून्य प्रकृति ही संन्यास,

सृजन इससे ही ब्रह्मांड का विन्यास।

प्रकृति से सौंदर्य दुनिया की अस्मिता,

सार्थक बन है यह जीवन की शुचिता।

प्रकृति से गूंजता स्वर यही कराती श्रृंगार,

सृष्टि के बने सारे रूप हैं इसके आविष्कार।

प्रकृति में लिप्त जीवन का इतिहास,

प्रकृति से निर्मित है जीवन की किताब।



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