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Rajbahadur Yadav

Inspirational

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Rajbahadur Yadav

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"भ्रष्टाचार रोधी दिवस" (9 दिसम्बर)

"भ्रष्टाचार रोधी दिवस" (9 दिसम्बर)

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जगत बना है भ्रष्टाचारी।

किसे कहोगे कल्याणकारी।।

नियत में खोट मची है,

चारों ओर लूट मची है।

अगुवा हुआ अनिष्टकारी,

किसे कहोगे कल्याणकारी।

जगत बना -------------।।

    दुखियों का अंदाज है,

    न्याय भी गुलाम है।

    शासन बेहिसाब है,

    शोषण की भरमार है।

    शरीफ जा रहे दुतकारी,

    किसे कहोगे कल्याणकारी।

    जगत बना ----------------।।

गुंडागर्दी चरम पर है,

न ही कोई धरम पर है।

अहंकार अनन्त पर है,

प्रेम-भाव नफरत पर है।

पनप रहे व्यभिचारी,

किसे कहोगे कल्याणकारी।

जगत बना -----------।।

     रिश्वत में कर्म है,

     कागज में फर्ज है।

     स्वार्थ में मर्म है,

     निलामी में धर्म है।

     चारों तरफ है मारा-मारी है,

     किसे कहोगे कल्याणकारी।

    जगत बना -------------।।



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