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Raj kumar Indresh

Inspirational

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Raj kumar Indresh

Inspirational

आज का युवक

आज का युवक

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ईश रचना का तू उत्कृष्ट रूप है 

इस विश्व का सिद्धहस्त जीव है। 

आज के युवक कल का बीज है 

तू दुनियां का भाग्य - निर्माता है। 


वसंत-सा देख, जीवन तो तेरा है 

इसे पाकर तू , अब मतवाला है। 

तुझे देखने में ही परम् आनन्द है 

इस धरा का तो , सुन्दर सपूत है। 


देख दुनियां में तो तेरा ही राज है 

तेरे कीर्तिमान से इतिहास अट्टा है। 

महाभारत के भीष्म की प्रतिज्ञा है 

सिंकदर की विश्व विजयी जीत है। 


अमोघ उत्साह भगत सिंह का है 

आत्मत्यागी ह्रदय तू चंद्रशेखर है। 

आजाद हिन्द फौज का सुभाष है 

रामप्रसाद बिस्मिल-सी गाथा है।  


हे ! युवक , भूल मत अपनी शक्ति 

तेरे अंदर भूकंप की भयंकरता है। 

चढ़ जा तू उन्नति के शिखर पर 

तू ही तो ज्वालामुखी का लावा है। 



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