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Rita Jha

Abstract Inspirational

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Rita Jha

Abstract Inspirational

गुरु है वो

गुरु है वो

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गुरु है वो जो अंधकार में भी रौशनी फैलाए।

गुरु है वो जो मामूली पत्थर को पारस बनाए।

गुरु है वह जो निस्तेज में भी तेज ले आए।

गुरु है वो टिकिया जो सारे मैल निकाल दे।

गुरु है वो जो पीतल को भी सोना कर दे।

गुरु है वो जो हर हालातों में जीना सिखाए।

गुरु है वो जो सरस्वती को लक्ष्मी से न तौले।

गुरु है वो जो अमावस में चांदनी का आभास कराए।

गुरु है वो जो उंगली पकड़कर चलना सिखाए

गुरु है वो जो लेखनी की पैनी धार बन जाए।



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