तुम मेघ का टुकड़ा नही तुम मेरा नभ हो जिसके विस्तार मे मैं खो जाना चाहती हूँ तुम कोई राह का पत्... तुम मेघ का टुकड़ा नही तुम मेरा नभ हो जिसके विस्तार मे मैं खो जाना चाहती हूँ ...
खोज थी सीमित बनारस तक महादेव की, वहीं की वासी हूँ पैदा होके यहाँ पारस हुई। खोज थी सीमित बनारस तक महादेव की, वहीं की वासी हूँ पैदा होके यहाँ पारस हुई।
फिर तो जीवन में आये बहुत से गुरु कुछ ने लिखना सिखाया कुछ ने पढ़ना, लिपि का कारीगर किसी ने मुझे ... फिर तो जीवन में आये बहुत से गुरु कुछ ने लिखना सिखाया कुछ ने पढ़ना, लिपि का ...
आखिर क्यों उससे डरता है, बिन चिंता क्यों न मरता है आखिर क्यों उससे डरता है, बिन चिंता क्यों न मरता है
जब सच और झूठ का, समझ में आता भेद ना। तब सच को उजागर करती, कविता मन की जब सच और झूठ का, समझ में आता भेद ना। तब सच को उजागर करती, ...
गुरु है वो टिकिया जो सारे मैल निकाल दे गुरु है वो टिकिया जो सारे मैल निकाल दे