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Praveen Gola

Romance

3  

Praveen Gola

Romance

गुपचुप बातें

गुपचुप बातें

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तुम्हारी और हमारी,

गुपचुप बातें,

कितनी प्यारी,

सबसे न्यारी।


लगा मानो,

हमने फिर से,

जी ली,

एक उमर प्यारी।


वो रूमानी नहीं,

वो ज़िस्मानी नहीं,

फिर भी,

महकी क्यारी।


तुम्हारी और हमारी,

गुपचुप बातें,

कितनी प्यारी,

सबसे न्यारी।


उन कुछ पलों की,

बातों में,

पा ली मैंने,

दुनिया सारी।


कुछ तुमने कही ,

कुछ मैंने कही,

कैसे जीत गई,

अपनी यारी।


तुम्हारी और हमारी,

गुपचुप बातें,

कितनी प्यारी,

सबसे न्यारी।


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