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V. Aaradhyaa

Fantasy Inspirational

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V. Aaradhyaa

Fantasy Inspirational

गुण में अवगुण

गुण में अवगुण

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अपने गुण विकसित करें


दूसरों के गुण और दोष देखने वालों,

कभी अपने अंदर के अवगुण भी देखो।


कौन है ऐसा जिसमें कोई कमी ना हो,

अगर न ऐब हो तो वो इंसान ही ना हो।


जरूरी नहीं दूसरों की कमी गिनाई जाये,

जरूरी ये है कि अपने ऐब मिटाया जाये।


यही सच्चे इंसान का धर्म और पहचान है,

धरती के प्राणी ही तो सृष्टि के वरदान हैं।


क्यों ना लोगों की कमियों को ढूँढना बंद करें,

अपने जीवन को सुखमय और सोच बुलंद करें।



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