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गुनाह

गुनाह

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कुछ दिन बीते पड़ोस में मेरे 

आई थी एक फैमिली न्यारी 

माँ बाप, बेटा बहू 

दो बेटियां थी प्यारी प्यारी। 


पढ़े लिखे थे सारे अच्छे 

सब में काफी प्यार था 

बेटा भी एक चाहिए 

बस ये भूत सवार था। 


इस बार मुझे बेटा चाहिए 

सास बहु से थी बोली 

मन्नतें हैं मैंने मांगीं 

इस बार भरदो मेरी झोली। 


तीन महीने बीत गए जब 

किसी ने बोला टेस्ट कराओ 

अल्ट्रासाउंड कर के इसका 

लड़का या लड़की,पता लगाओ। 


डाक्टरों ने कह दिया 

हम ये बता सकते नहीं 

सास को डर लग रहा था 

इस बार भी लड़की तो नहीं। 


सबसे थे वो पूछते 

तब एक रिश्तेदार आया 

गांव में है डॉक्टर 

ये करता है, उसने बताया। 


गांव में वो ले गया 

छोटा सा एक कमरा था उसका 

आदमी आया और बोला 

अल्ट्रासाउंड करना है किसका। 


जल्दी से उसने किया, कहा 

लड़की ही है, लड़का नहीं

एबॉर्शन करना ही होगा 

आना पड़ेगा कल यहीं। 


पीने की एक दवा दे दी 

घर को थे वापिस गए वो 

रात को तबीयत बिगड़ी 

हस्पताल थे ले गए वो। 


ऑपरेशन करना पड़ा था 

खून बहा था बहुत सारा 

डॉक्टर ने वहां पे आ के 

उन सबको था बहुत लताड़ा। 


बच्चेदानी निकालनी पड़ी 

माँ न बन सकती है ये अब 

लड़का लड़की एक जैसे

जाने तुम समझोगे कब। 


गुनाह किया, सजा मिली है 

बात गुस्से में कही थी। 

कोख में जिस को है मारा 

लड़का था वो, लड़की नहीं थी। 


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