STORYMIRROR

Jalpa lalani 'Zoya'

Romance

4  

Jalpa lalani 'Zoya'

Romance

गुलाब ने कहा

गुलाब ने कहा

1 min
762

गुलाब ने कहा ऐ आशिक़-ए-इश्क़

तू मझे तोड़कर अपनी महबूबा से

इज़हार-ए-इश्क़ जब करता है


तेरी महबूबा की खुशी से मेरा रंग

और खिलता है पर जिस तरह

तू मुझे तोड़कर ले गया


वैसे अपनी महबूबा के दिल को

कभी तोड़कर न जाना

मेरा तो बस है इतना कहना

तभी मेरा टूटना वाजिब होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance